इजरायल ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। जिसमें उसके परमाणु कार्यक्रम और वरिष्ठ सैन्य नेताओं को निशाना बनाया गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला कई दिनों तक चलेगा। इस हमले ने मध्य पूर्व को नई अनिश्चितता में डाल दिया है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ गया है। आपको बता दें की इजराइल ने 200 फाइटर जेट्स से ईरान के कई ठिकानों पर हमला किया। इजराइली ऑपरेशन में ईरान के 6 वैज्ञानिक, 20 मिलिट्री कमांडर मारे गए। इस हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ जनरल होसैन सलामी भी मारे गए हैं। वे देश के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। नेतन्याहू ने कहा कि ऑपरेशन राइजिंग लायन के माध्यम से ईरान के दिल पर हमला किया गया है।
Prime Minister Netanyahu:
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) June 13, 2025
"Moments ago, Israel launched Operation Rising Lion, a targeted military operation to roll back the Iranian threat to Israel's very survival.
This operation will continue for as many days as it takes to remove this threat." pic.twitter.com/3c8oF1GCYa
हमले के बाद अमेरिका का भी बयान सामने आया है। जिसमें ये कहा गया है कि इसमें अमेरिकी भागीदारी या अमेरिकी सहायता नहीं थी। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा की रात में इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है।
CNN विश्लेषक का कहना है कि ईरानी सैन्य नेताओं की मौत जवाबी हमलों में बाधा डाल सकती है। CNN के वैश्विक मामलों के विश्लेषक ब्रेट मैकगर्क ने कहा कि इज़राइल के हमले पर ईरान की कोई भी प्रतिक्रिया उसके इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर-इन-चीफ, जनरल होसैन सलामी और अन्य शीर्ष सैन्य नेतृत्व की मौत से पीछे हट सकती है। CNN की कैटलन कोलिन्स द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या ईरान जल्दी से जवाबी हमला कर सकता है, मैकगर्क ने कहा कि ईरान बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि पिछले 1 अक्टूबर को ईरान ने इज़राइल पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, हालाँकि उनमें से अधिकांश को इज़राइली, अमेरिकी और साझेदार वायु रक्षा द्वारा रोक दिया गया था।
मैकगर्क ने कहा, एक बार जब वे तैयार हो जाते हैं, तो वे लगभग पांच मिनट के अंतराल पर, लगभग 30 मिसाइलों की बौछार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईरानी मिसाइलों को इजरायल तक पहुंचने में लगभग 13 मिनट लगते हैं। मैकगर्क ने कहा, मुझे लगता है कि वे बड़े पैमाने पर कुछ करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा अगर वे कुछ अव्यवस्था में हैं तो वे इसे अंजाम दे पाएंगे या नहीं, यह देखना बाकी है।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड(IRGC )ईरानी सेना की एक विशिष्ट शाखा है जिसे 1979 में देश की क्रांति के बाद स्थापित किया गया था। यह इकाई, जिसमें जमीनी सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ खुफिया और विशेष बल शामिल हैं। उनकी प्राथमिक भूमिका आंतरिक सुरक्षा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह बाहरी रक्षा के साथ ईरान की सेना की सहायता करता है और क्षेत्र में ईरान-वफादार प्रॉक्सी मिलिशिया के साथ महत्वपूर्ण संबंध रखता है।
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