भारत के गगनपुत्र शुभांशु शुक्ला अब बस कुछ ही दिनों में इतिहास रचने को तैयार हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को घोषणा की कि शुभांशु 19 जून को Axiom-4 मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरेंगे।
यह मिशन भारत के लिए बेहद खास है क्योंकि यह 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद पहली मानवीय अंतरिक्ष यात्रा होगी।
हालांकि, यह मिशन पहले कई बार टल चुका है। ISS के रूसी मॉड्यूल में लीक के चलते इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था। SpaceX के Falcon-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक की वजह से यह लॉन्चिंग 29 मई से खिसककर 8, 10 और फिर 11 जून तक चली गई। अब सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और 19 जून को शुभ संकेत मिल रहा है।
.@NASA, @Axiom_Space, and @SpaceX are reviewing launch opportunities no earlier than Thursday, June 19, for the fourth private astronaut mission to the International Space Station, Axiom Mission 4. https://t.co/9nKB4BC7Ys
— International Space Station (@Space_Station) June 14, 2025
इस अंतरिक्ष यात्रा की कमान संभालेंगी Peggy Whitson NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव मिशन प्रमुख। वहीं, ISRO के शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे। उनके साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के स्लावोश उज्नांस्की और हंगरी के टिबोर कपू मिशन स्पेशलिस्ट के तौर पर जाएंगे।
यह 14 दिन की यात्रा सिर्फ दिखावे की नहीं है शुभांशु अंतरिक्ष में खाद्य और पोषण से जुड़े कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जो ISRO और DBT (Department of Biotechnology) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए हैं। वे कुछ बीजों को अंतरिक्ष के विकिरण में एक्सपोज़ करेंगे, जिन्हें बाद में धरती पर वापस लाकर पीढ़ियों तक उगाया जाएगा।
इतना ही नहीं, इस मिशन के दौरान शुभांशु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्कूली छात्रों और वैज्ञानिकों से लाइव बातचीत भी करेंगे।
ISRO इस मिशन पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। शुभांशु का यह अनुभव भविष्य के गगनयान मिशन (2027) में भारत की सफलता की नींव रखेगा। अब 19 जून को जब रॉकेट गगन चूमेगा, सारे देश देखते रह जाएंगे।
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