कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले पर विश्व के नेताओं के सामने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने पहलगाम हमले को ‘मानवता पर हमला’ बताया। उन्होंने कहा 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला केवल पहलगाम पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर भी सीधा आघात था। यह पूरी मानवता पर आघात था। उन्होंने विश्व के टॉप लीडर्स को संबोधित करते हुए कहा आप सभी मित्रों ने जिन कड़े शब्दों में इसकी निंदा की, संवेदनाएं प्रकट की, उसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ।
जी7 आउटरीच में वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाशिए पर पड़ी आवाज़ों को बुलंद करने और सामूहिक भविष्य की सुरक्षा में भारत की भूमिका को रेखांकित किया।
PM @narendramodi participated in the Outreach Session on Energy Security at the 51st #G7Summit in Kananaskis, Canada.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 18, 2025
In his address, PM highlighted the need to ensure energy security for all through a sustainable & green pathway and elaborated upon 🇮🇳’s global initiatives such… pic.twitter.com/t73x0Qvpj5
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 17 जून को कनानैस्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र (Outreach Session) में एक शक्तिशाली संदेश दिया है। जिसमें आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा, एआई कंट्रोल और वैश्विक दक्षिण की दुर्दशा की चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्व के नेताओं को एआई के दुरुपयोग और ऊर्जा अन्याय के खिलाफ चेतावनी दी।
वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने हाशिए पर पड़ी आवाज़ों को बुलंद करने और सामूहिक भविष्य की सुरक्षा में भारत की भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कनाडा में जी7 आउटरीच सत्र( Outreach Session) को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने सतत ऊर्जा के लिए भारत की पहलों पर प्रकाश डाला, वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को आवाज़ दी, आतंकवाद की निंदा की और वैश्विक कार्रवाई का आग्रह किया। उन्होंने भारत के तकनीक-आधारित, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर भी जोर दिया।
During the G7 Summit in Canada, had addressed an Outreach Session on ‘The Future of our Energy Security: Diversification, and Strengthening Of Supply Chains.’
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2025
Here are some highlights from my address… https://t.co/OkFA8YGmqt
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, मोदी ने कहा कि यह हमला सिर्फ़ भारत पर नहीं बल्कि “हर भारतीय की आत्मा, पहचान और गरिमा और वास्तव में, मानवता पर था। वैश्विक समुदाय के लिए सवाल उठाते हुए, मोदी ने पूछा, क्या देश आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर खतरे को तभी समझेंगे जब वे इसका निशाना बनेंगे? आतंकवाद के अपराधियों और इसके पीड़ितों की तुलना कैसे की जा सकती है?” उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में निरंतरता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को पुरस्कृत करने के खिलाफ़ चेतावनी दी।
ऊर्जा सुरक्षा पर आउटरीच सत्र में, प्रधानमंत्री ने हरित, समावेशी ऊर्जा संक्रमण पर भारत के फोकस को दोहराया। उन्होंने कहा, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता अपने आप में एक ऊर्जा-गहन तकनीक है। तकनीक-संचालित दुनिया की ऊर्जा मांगों को पूरा करने का एकमात्र स्थायी तरीका अक्षय ऊर्जा है। जलवायु प्रतिबद्धताओं में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने कहा कि अक्षय ऊर्जा पहले से ही भारत की स्थापित क्षमता का 50% हिस्सा बनाती है और 2070 तक नेट ज़ीरो तक पहुँचने के देश के संकल्प की पुष्टि की।
प्रौद्योगिकी पर, मोदी ने एआई के दुरुपयोग, विशेष रूप से डीपफेक से निपटने के लिए तत्काल वैश्विक रूपरेखाओं का आह्वान किया। उन्होंने कहा, एआई-जनरेटेड सामग्री पर स्पष्ट वॉटरमार्क या खुलासे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्ची तकनीकी प्रगति समावेशी होनी चाहिए कोई भी देश, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ, पीछे नहीं रहना चाहिए।
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