टिकटॉक पर लगे प्रतिबंध लगातार जारी है। इसी प्रतिबंध का हवाला देकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने टिकटॉक की सुप्रसिद्ध ट्रेडमार्क स्थिति के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायलय ने इसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिबंध को प्रमुख कारण बताया है।
इसके तहत ट्रेड मार्क्स रूल्स, 2017 के नियम 124 के तहत ट्रेडमार्क की सूची में अपने चिह्न को शामिल करने की मांग की गई थी। न्यायालय ने प्रासंगिक और लीगल नियम के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भारत में टिकटॉक ऐप पर जारी प्रतिबंध का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार करने के ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्रार के फैसले को बरकरार रखा। न्यायालय ने प्रासंगिक और लीगल फैक्टर के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भारत में टिकटॉक ऐप पर जारी प्रतिबंध का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार करने के ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्रार के फैसले को बरकरार रखा।
न्यायमूर्ति मनीष पिटाले ने 10 जून को कहा कि टिकटॉक ऐप तक पहुंच को रोकने के सरकार के फैसले के पीछे संप्रभुता, अखंडता, रक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के गंभीर मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा ये गंभीर मामले हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए यह पाया गया है कि प्रतिवादी ने विवादित आदेश पारित करते समय कई फैक्टरों को ध्यान में रखा था।
टिकटॉक ने अपने वकील फहीम अहमद के माध्यम से रजिस्ट्रार के 31 अक्टूबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी। जबकि इसका ट्रेडमार्क पहले से ही भारत में पंजीकृत है। कंपनी ने ट्रेड मार्क के रूप में मान्यता के साथ सुरक्षा की मांग की थी।
टिकटॉक की ओर से अधिवक्ता स्वाति मित्तल ने तर्क दिया कि रजिस्ट्रार ने ट्रेड मार्क्स अधिनियम की धारा 9 पर भरोसा करते हुए कानून का गलत इस्तेमाल किया है जो इनकार करने के पूर्ण आधार से निपटता है, जबकि धारा 11, जो कि ट्रेड मार्क से संबंधित है।
कंपनी ने आगे तर्क दिया कि रजिस्ट्रार धारा 11(6) से (9) के तहत वैधानिक मानदंडों पर विचार करने में विफल रहा, जिसमें सार्वजनिक मान्यता की सीमा, उपयोग की अवधि और प्रवर्तन इतिहास शामिल है। इसने धारा 11(9) का भी हवाला दिया, जो स्पष्ट करता है कि भारत में उपयोग या रजिस्ट्रेशन निर्धारित करने के लिए अनिवार्य नहीं है।
Bombay High Court recently refused to set aside an order passed by Registrar of Trade Marks, which refused to recognise #TikTok as a well known Mark under the Trade Marks Act, noting that the social media application is banned in India.
— Live Law (@LiveLawIndia) June 13, 2025
Read more: https://t.co/AIOs22iHSc pic.twitter.com/CUdcQypFO1
प्रतिवादी के वकील यशोदीप देशमुख ने प्रस्तुत किया कि आदेश ने प्रसिद्ध चिह्नों की सूची में अपने चिह्न को शामिल करने के लिए कंपनी के आवेदन को अस्वीकार करते समय उपयोगी सामग्री पर विचार किया।
न्यायालय ने रजिस्ट्रार के निर्णय में कोई कानूनी त्रुटि नहीं पाई। न्यायालय ने कहा, चूंकि उक्त चिह्न भारत में पहले से ही पंजीकृत ट्रेडमार्क है, इसलिए इसे सभी वैधानिक सुरक्षा प्राप्त है.लेकिन प्रसिद्ध चिह्नों की सूची में शामिल किए जाने से स्पष्ट रूप से अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है।
इस तथ्य के मद्देनजर कि भारत में स्वयं टिकटॉक एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसे आज तक किसी भी सक्षम न्यायालय या प्राधिकरण द्वारा अलग नहीं रखा गया है। भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के पीछे मुख्य कारणों में से एक यह था कि यह ऐप भारत की डिजिटल सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता था। इसके अलावा, टिकटॉक पर अश्लील सामग्री और फेक न्यूज फैलने की भी शिकायतें मिल रही थीं।
Keywords: ट्रेडमार्क एक्ट, TikTok Ban, Legal News in Hindi, Bombay High Court Latest News